The best Side of Shodashi
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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां
The most revered amongst these is definitely the 'Shodashi Mantra', and that is mentioned to grant both worldly pleasures and spiritual liberation.
सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
The path to enlightenment is frequently depicted as an allegorical journey, With all the Goddess serving because the emblem of supreme ability and Vitality that propels the seeker from darkness to light-weight.
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
Goddess also has the identify of Adi Mahavidya, which means the entire Variation of fact. In Vedic mantras, she is described as the Shodashi Goddess who sparkles with The gorgeous and pure rays of the Sunlight.
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।